HITKARI NIDHI

हितकारी निधि का अंशदान वेतन माह दिसम्बर 2023 भुगतान जनवरी 2024 सीधे ही वेतन से कटौती करने हेतु मार्ग निर्देशः-

1. वेतन माह दिसम्बर 2023 दैय जनवरी 2024 हितकारी निधि अंशदान कटौती हेतु निदेशालय के परिपत्र का पूर्ण अवलोकन करें।

2. वार्षिक अंशदान परिपत्र अनुसार निर्धारित दर से किया जाना है।

3. हितकारी निधि कि 28वीं एवं 29वीं बैठक में किये गये निर्णयानुसार अब हितकारी निधि के अंशदान कि कटौती सीधे ही वेतन बिलों से की जानी है, इसका अनुमोदन राज्य सरकार के पत्रांक दिनांक 15.06.2018 द्वारा प्राप्त किया गया है।

4. प्रत्येक आहरण एवं वितरण अधिकारी साथ संलग्न (क्र०स० -1) के अनुसार एक पत्र अपने कोषाधिकारी/उप-कोषाधिकारी को प्रस्तुत करेगें। उक्त पत्र के साथ निम्न दस्तावेज संलग्न किये जावेंः-

  • वेतन बिल के साथ (क्र०स०-2) अनुसार प्रत्येक आहरण एवं वितरण अधिकारी द्वारा हितकारी निधि कटौती का शिड्यूल संलग्न किया जावें जिसके अन्त में DDO के हस्ताक्षर मय कार्यालय मोहर एवं DDO कोड़ अंकित किया जावें।
  • पत्र के साथ निदेशक, कोष एवं लेखा राजस्थान, जयपुर का पत्र (क्र०स० -3) संलग्न करें।
  • पत्र के साथ हितकारी निधि खाता संख्या 51020721611 कि बैंक पास बुक के प्रथम पृष्ठ कि प्रति संलग्न करे। (क्र०स०-4)
  • पाथ निर्देश पत्र

5. बिन्दु संख्या 4 में अवगत कराये अनुसार पत्रादि तैयार कर संबंधित कोषालय/उप-कोषालय में पत्र प्रस्तुत कर कटौती के सम्बन्ध में वार्ता कर लेवे एवं तद्नानुसार कार्यवाही करें।

6. Paymanger पर Dependet Deducation के रूप में संबंधित कोषालय / उपकोषालय मे paymanger पर Add करावें।

7. दिसम्बर 2018 के वेतन बिल से कटौती हो जाने के पश्चात आपको अपने स्तर से कटौती के Option को डिलिट करना होगा ताकि अगले माह मे पुनः कटौती ना हो जावे, इसका विशेष ध्यान रखा जावें। क्योंकि यह कटौती वार्षिक है। यदि अधिक कटौती होती है तो इसकी समस्त जिम्मेदारी आप स्वंय की होगी।

प्रश्न-1:- दिसम्बर 2023 के महीने में वेतन बिल से हितकारी निधि (HITKARI NIDHI) राशि किस दर से कटौती की जानी है?
उत्तर- हितकारी निधि कटौती राशि राजपत्रित कार्मिको के लिए 500 रुपये और अराजपत्रित कार्मिको के लिए 250 रुपये वार्षिक निर्धारित है, जो वेतन बिल माह दिसम्बर (देय जनवरी) से करनी अनिवार्य है। यह कटौती प्रोबेशनर कार्मिक के वेतन से भी निर्धारित दरों के अनुसार अनिवार्यतः करनी है ।
यह कटौती केवल शिक्षा विभाग के कर्मचारियों के लिए ही अनिवार्य है ।

प्रश्न-2 :- पेमेनेजर/प्रिपेमेनेजर पर हितकारी निधि (HITKARI NIDHI) की कटौती ऐड करने की क्या प्रक्रिया है?
उत्तर – (i) इसके लिए सबसे पहले पेमेनेजर/प्रिपेमेनेजर लॉगिन कर MASTER > EMPLOYEE DETAILS > CORP DETAILS पर क्लिक करें। अब PAY NAME में HITKARI NIDHI लिखें एवं Corp A/C Number में 51020721611 लिखें और सबमिट कर दे। इस प्रकार कार्मिक के मास्टर में हितकारी कटौती Add हो जाएगी।
(ii) मास्टर में कार्मिक की हितकारी निधि अपडेट करने के बाद Bill processing > Salary preparation > Add Group Deduction या Employee Pay Detail > Add Deduction > HITKARI NIDHI (ID 301) में जाकर हितकारी निधि निर्धारित दर के अनुसार कटौती की राशि ऐड करनी है।

प्रश्न -3 :- हितकारी निधि (HITKARI NIDHI) के शिड्यूल पर डिजिटल साइन नही हो रहें है? अब क्या करें।
उत्तर – माह दिसम्बर 2021 के वेतन प्रोसेस के बाद कोऑपरेटिव शेड्यूल में जाकर हितकारी निधि शेड्यूल का प्रिंट निकाल कर उस पर मैन्युअली हस्ताक्षर मय सील कर इसे other documents में अपलोड करना है।

प्रश्न -4 :- हितकारी निधि (HITKARI NIDHI) के शेड्यूल एवम ECS SLIP किस पते पर और कब भेजने है?
उत्तर – माह दिसम्बर के वेतन विपत्र पारित होने एवं TV नम्बर जारी होने के पश्चात हितकारी कटौती शेड्यूल एवं ECS Slip कॉपी डीडीओ हस्ताक्षर मय कार्यालय मोहर अंकित कर निम्नलिखित पते पर भेजें –
अध्यक्ष हितकारी निधि
माध्यमिक शिक्षा विभाग राजस्थान, बीकानेर
पिन कोड नम्बर – 334001
नोट :-(1) माह दिसम्बर के सैलरी बिल ऑटो जनरेट होने से पूर्व सभी कार्मिको के हितकारी निधि की कटौती employee pay details में अवश्य ऐड कर देवे।
(2) हितकारी निधि की वार्षिक कटौती होती है। अतः दिसम्बर माह के वेतन बिल पारित होने के पश्चात इसे कार्मिक pay details/ bulk deduction से पुनः हितकारी निधि की कटौती को अवश्य डिलीट कर देवें।

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प्रश्न –5 कर्मचारी की स्वेच्छा से अनुपस्थिती के सम्बन्ध में सेवा नियमों के सम्बन्ध में जानकारी

नियम 86(1) एक कर्मचारी बिना अवकाश अथवा सक्षम प्राधिकारी द्वारा उसके आवेदित अवकाश को स्वीकृत करने से पूर्व ही अपने पद / कर्त्तव्य से अनुपस्थित रहता है तो उसे कर्त्तव्य से जानबूझ कर अनुपस्थित रहा ” माना जावेगा और ऐसी अनुपस्थिति को ” सेवा से में व्यवधान” मानते हुए पिछले सेवा – काल को जब्त (फोटफीट) किया जा सकेगा जब तक सन्तोषप्रद कारण बताने पर उक्त अनुपस्थिति को अवकाश स्वीकृति – कर्त्ता प्राधिकारी द्वारा उसे देय अवकाश स्वीकृत कर नियमित नहीं कर दिया जाता है अथवा असाधारण अवकाशों में परिवर्तित नहीं कर दिया जाता है।

(2) (क) एक कर्मचारी जो स्वीकृत अवकाश की समाप्ति के बाद अथवा अवकाश वृद्धि को मना कर देने पर अपने कर्त्तव्यों से अनुपस्थित रहता है तो वह उस अनुपस्थिति की अवधि के लिए किसी प्रकार का कोई वेतन एवं भत्ते प्राप्त करने का अधिकारी नहीं होगा तथा ऐसी अवधि को असाधारण अवकाश में परिवर्तित कर दिया जावेगा जब तक अवकाश स्वीकृति कर्त्ता अधिकारी द्वारा उसके सन्तोषप्रद कारण प्रस्तुत करने पर अनुपस्थिति की अवधि को देय अवकाश स्वीकृत कर नियमित नहीं कर दिया जाता है।

(2) (ख) अवकाश की समाप्ति पर अपने पद के कर्त्तव्यों से स्वेच्छापूर्वक अनुपस्थिति, एक राज्य कर्मचारी को अनुशासनिक कार्यवाही के लिए दोषी बना देती है।

(3) नियम 86 (1) तथा (2) में कुछ भी उल्लेख होने पर भी एक अनुशासनिक प्राधिकारी एक ऐसे राज्य कर्मचारी के विरुद्ध वर्गीकरण, नियन्त्रण एवं अपील नियमों के अनुसार विभागीय कार्यवाही प्रारम्भ कर सकता है जो अपने पद से एक माह से अधिक समय में स्वेच्छा से अनुपस्थित हो। ऐसा आरोप किसी कर्मचारी के विरुद्ध सिद्ध हो जावे तो उसे अनुशासनिक प्राधिकारी द्वारा सेवा से निष्कामित ( रिमूव्ह) कर दिया जावे ।

(4) कोई भी राज्य कर्मचारी को किसी भी प्रकार का निरन्तर पाँच वर्ष से अनधिक अवधि का अवकाश स्वीकृत नहीं किया जायेगा। एक राज्य कर्मचारी को सेवा से त्याग पत्र दिया हुआ समझा जायेगा अगर वह-
(अ) बिना प्राधिकृति की अनुमति या स्वीकृत अवकाश की अवधि की समाप्ति से एक वर्ष से अधिक अवधि के लिए अनुपस्थित रहने पर, या
(ब) सेवा से निरन्तर पाँच वर्ष से अधिक की अवधि के लिए अनुपस्थित रहने पर चाहे अप्राधिकृत अवकाश की अवधि एक वर्ष से कम हो, या
(स) राज्य सरकार के अनुमोदित अवधि से अधिक के लिए निरन्तर वैदेशिक सेवा में हो। परन्तु इस उपनियम को लागू करने से पूर्व ऐसी अनुपस्थिति या वैदेशिक सेवा के निरन्तरता के लिए कारण स्पष्ट करने हेतु राज्य कर्मचारी को उचित अवसर दिया जायेगा।

क्या राजकीय कार्यालयों में आकस्मिक अवकाश पंजिका संधारित करना आवश्यक है?

उत्तर: कार्यालय क्रियाविधि के अध्याय 6 के नियम 98 से 126 तक सरकारी कार्यालयों में रिकार्ड अनुरक्षण के विस्तृृत प्रावधान किए गए है। रिकार्ड को सुरक्षित रखने के लिए एक अनुसूची बनायी गई है जिसमें रिकार्ड को श्रेणी 1 से 5 तक वर्गीकृत किया गया है।

राज्य सरकार द्वारा कार्यालय पद्वति के नियम 105 में सामान्य प्रतिधारण अनुसूची निर्धारित की गई है जिसके अनुसार रिकार्ड का श्रेणीकरण किया जाता है। कार्यालय क्रियाविधि के नियम 105 क में सामान्य प्रतिधारण अनुसूची परिशिष्ठ-ख में दी गई है जिसमें पत्रावलियों को श्रेणीबद्व करने के लिए समय सीमा दी गई है। इस अनुसूची में बिन्दु संख्या- 1 मुख्य शीर्षक संस्थापना के उप शीर्षक भर्ती एवं सेवा सम्बन्धित मामलें में स्पष्ट रूप से उल्लेखित है कि आकस्मिक अवकाश सम्बन्धी समस्त रिकार्ड प्रतिवर्ष संधारित करना सम्बन्धित संस्थापन लिपिक का दायित्व है।

अतः प्रत्येक राजकीय कार्यालय में आकस्मिक अवकाश पंजिका संधारित किया जाना अनिवार्य है।