राजकीय कार्यालयों में चैक संबंधी प्रभावी नियमों की सामान्य जानकारी

  • चेक बुकों को प्राप्त करने पर आहरण एवं वितरण अधिकारी द्वारा उनकी सावधानीपूर्वक जांच की जावेगी। वह प्रत्येक चैक बुक में चैक की संख्या का मुख्य पृष्ठ पर दी गई संख्या से मिलान करेगा।
  •  चैक बुकों को आहरण एवं वितरण अधिकारी द्वारा ताले के भीतर अपनी अभिरक्षा में रखा जावेगी। जब भी उसके द्वारा कार्यभार हस्तानांतरण किया जाएगा, कार्यभार संभालने वाले अधिकारी को दिए गए चैको की संख्या संबंधी रसीद लेगा। हालांकि उक्त का विवरण कार्यभार हस्तांतरण पत्र GA 43/ GFAR 60 में भी होता है।
  •  सभी चैको पर दाएं कोने के स्थान पर रेखा खींचते हुए उनके बीच एक ऐसी राशि लिखी जाएगी जो उस राशि से कुछ ज्यादा होगी जिसके लिए चैक मंजूर किया गया हैं। उदाहरण के लिए रुपए 950/- के चैक के लिए ” केवल एक हजार रुपए से कम ” लिखा जायेगा। राशि नियम 80 के खंड (3) में बिलों के विहित तरीके से लिखी जाएगी तथा उसमें संक्षिप्तियों जैसे ” एक हजार एक सौ ” के स्थान पर ” ग्यारह सौ ” का उपयोग नहीं किया जावेगा।
  • चैक में सभी परिवर्तन और अशुद्धियों को आहरण एवं वितरण अधिकारी द्वारा अपने हस्ताक्षर से प्रमाणित किया जाएगा।
  • चैक का आहर्ता कपट से बचने के लिए चैक पर शब्दों एवं अंकों को इस प्रकार लिखेगा कि कपट किया जाना असंभव हो।
  • सरकारी बकायों के निपटारों में आहरण एवं वितरण अधिकारी एवं विभागों के पक्ष में लिखे गए चैको को सदैव रेखांकित कर उन पर” Account Payee only- Not Negotiable”  लिखे जाने चाहिए।
  • निगमित निकायों, ठेकेदारों एवं फर्मों के पक्ष में लिखे गए चैको को रेखांकित किया जाकर Account Payee’s only किया जाएगा।
  • सरकारी कर्मचारियों एवं प्राइवेट व्यक्तियों के पक्ष में लिखे गए चैको को रेखांकित कर Account’s Payee किया जाएगा। यदि वे विशेष रूप से निवेदन करें तो चैक के आदेश किए जा सकेंगे। ऐसे मामलों में, इस प्रकार के चैक देने के कारण किसी प्रकार का गलत भुगतान हो जाने पर चैक लिखने वाला पूर्ण रूप से उत्तरदाई होगा। अतः जहां तक संभव हो चैक Account’s Payee ही किया जाना चाहिए।
  • प्रत्येक मामले में 1000/- रुपए या अधिक के लिखे गए चेको को जारी करने को सूचना निम्नांकित प्रारूप में कोषागार/बैंक में भेजी जाएगी: “आपके कोषागार/बैंक में भुगतान योग्य निम्नलिखित चैक आज लिखने की हम सूचना दे रहे है”l  “क्रम संख्या, चैक की संख्या एवं दिनांक, राशि, प्राप्तकर्ता का नाम।”
  • सामान्य तौर पर 100/- रुपए से कम की राशि के चैक जारी नहीं किए जायेंगे।
  • जारी किए गए चैक जारी दिनांक से 3 महीने तक के लिए ही विधि मान्य होते हैं।
  • चैक द्वारा किसी भी राशि का भुगतान करते समय उसमे से आयकर अधिनियम एवं उस पर बने नियमों एवं राजस्थान बिक्री कर अधिनियम एवं नियमों के उपबंधों के अनुसार बिक्रीकर एवं आयकर की कटौती की जानी चाहिए तथा जिस व्यक्ति को ऐसा भुगतान किया जाता है, उसे यह प्रमाण पत्र देना होगा कि आयकर/ बिक्रीकर की कटौती कर ली गई हैं।
  • जहां किसी चैक को निरस्त करना आवश्यक हो तो उसे निरस्त करने का उल्लेख चैक की प्रतिपड़त पर किया जाएगा तथा लेखीवाल के अधिकार में जो चैक होगा उसे नष्ट कर दिया जायेगा। यदि चैक लेखीवाल के कब्जे में न हो तो वह कोषागार/बैंक को उस चैक को रोकने के लिए तुरंत सूचना देगा तथा यह सुनिश्चित करने पर कि भुगतान रोक लिया गया है, अपने लेखों में आवश्यक इंद्राज करेगा।
  • यदि कोई चैक जारी किए जाने के बाद बारह महीने तक किसी कारण के बिना भुगतान किए रह जाता है तो उसे उक्त रीति से निरस्त किया जाएगा।
  • यदि कोई चैक रोल/चैक खो जाता है तो इसकी सूचना तुरंत संबंधित बैंक शाखा को दी जावेगी।
  • यदि जारी किया हुआ चैक खो जाता है तो आहरण एवं वितरण अधिकारी द्वारा कोषागार/बैंक को लिखित में सूचित किया जावेगा तथा कोषागार द्वारा बैंक को भुगतान रोकने का आदेश जारी करके भुगतान नहीं होने का प्रमाण पत्र दिया जायेगा तथा सम्बन्धित पक्षकार से नियम 110 में उल्लेखित क्षतिपूर्ति बंध भरवाया जावेगा। फिर कोष कार्यालय द्वारा बिल पर  पारित आदेश निरस्त करके बिल डीडीओ को लौटाया जाकर डीडीओ के पुनः बिल प्रेषण करने पर पुनः पारित किया जाकर पुनः नया चैक जारी किया जाएगा।
  • जिन चैको पर किसी विशेष तारीख से पूर्व भुगतान न करना अंकित किया गया है, उन्हे लेखों पर उस दिन तक प्रभारित नहीं किया जाएगा जिसको वे देय होते हों।

 नोट: चैक एक अत्यंत महत्वपूर्ण दस्तावेज़ हैं। अतः डीडीओ द्वारा इसे अपनी अभिरक्षा में ही रखा जाना चाहिए तथा उपर्युक्त नियमों की पालना करनी चाहिए ताकि किसी भी वित्तीय अनियिमितता की स्थिति से बचा जा सकें।