अर्द्ध वेतन अवकाश (Half Pay Leave rules for Rajasthan government Employees)

अर्द्ध वेतन अवकाश (Half Pay Leave rules for Rajasthan government Employees)

राजस्थान सेवा नियम 93 (1) के अनुसार प्रत्येक कर्मचारी को राज्य सेवा में प्रोबेशन पूर्ण करने की तिथि से प्रत्येक वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर 20 दिन के अर्द्ध वेतन अवकाश (Half Pay Leave rules for Rajasthan government Employees) का स्वत्व स्वीकृत (जोड़ा) किया जाता है। अपूर्ण वर्ष का कोई लाभ देय नहीं ।

 अस्थाई राज्य कर्मचारी को परिवर्तित अवकाश (Commuted leave rules for Rajasthan government Employees) का लाभ तीन वर्ष की सेवा के पश्चात् ही देय है। यह अवकाश सेवानिवृत्ति तक जुड़ता रहता है। लेकिन सेवानिवृत्ति पर नकद भुगतान देय नहीं । इस अवकाश के उपयोग पर वेतन आधा ही देय होगा अर्थात् 50 प्रतिशत मूल वेतन व नियमानुसार महंगाई भत्ता व मकान किराया देय होगा ।

रूपान्तरित अवकाश (Commuted leave rules) रा. से. नियम 93 (2) के अनुसार चिकित्सा अधिकारी द्वारा प्रदत्त चिकित्सा प्रमाण-पत्र के आधार पर आवेदित अवकाश से दो गुणी (द्विगुणित ) संख्या में अर्द्धवेतन अवकाश कम किया जाएगा।

अर्द्ध वेतन अवकाश (Half pay leave rules) के संचय की कोई सीमा नहीं है। चिकित्सा प्रमाण-पत्र के आधार पर अवकाश में रहने पर पुनः उपस्थिति के समय रोग मुक्ति प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना आवश्यक है। उसके अभाव में उपस्थिति पर नहीं लिया जाए। एक साथ 180 दिन तक का अर्द्ध वेतन अवकाश (Half pay leave rules) स्वीकृति योग्य है। सार्वजनिक हित के पाठ्यक्रम में जाने पर 180 दिन का अवकाश बिना चिकित्सा प्रमाण-पत्र के लिया जा सकेगा।

अदेय अवकाश (LEAVE NOT DUE RULES FOR RAJASTHAN GOVERNMENT EMPLOYEES)

.से.नि. 93 ( 3 ) के अनुसार कतिपय परिस्थितियों में जब कोई अवकाश शेष नहीं हो, एक स्थायी राज्य कर्मचारी को आवेदन करने पर उस सीमा तक अदेय अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है, जितनी की उनकी सेवानिवृत्ति से पूर्व अर्द्धवेतन अवकाश के रूप में पुनः अर्जन हो जाए।

यह केवल स्थायी या तीन वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले कर्मचारी को ही देय है। यह अवकाश एक बार में 90 दिन, चिकित्सा प्रमाण-पत्र के आधार पर 180 दिन एवं पूरे सेवा काल में 360 दिन का उपभोग कर सकेंगे।

खाते में ऋणात्मक प्रविष्टि (-) कर के दर्ज करेंगे एवं प्रतिवर्ष अर्द्ध वेतन अवकाश (अर्जित) करने पर खाते में कम करते जाएँगे। स्वयं सेवानिवृत्ति लेने, निष्कासित करने, बर्खास्त करने पर ऋणात्मक योग अवशेष (-) बेलेन्स रहता है तो राशि वसूल की जाएगी।

सेवा में रहते हुए मृत्यु हो जाने पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति कर दिये जाने पर अदेय अवकाश के रूप में भुगतान किये गये वेतन भत्तों की वसूली नहीं की जाएगी।