अध्ययन अवकाश (Study Leave rules for Rajasthan Government Employees)

अध्ययन अवकाश (Study Leave rules for Rajasthan Government Employees)

यह अवकाश स्थायी राज्य कर्मचारी को देय है। यह उन अस्थायी राज्य कर्मचारियों को भी देय है जिन्होनें 3 वर्ष की निरन्तर सेवा पूर्ण कर कर ली हो तथा जो या तो राजस्थान लोक सेवा आयोग की अभिशंषा पर नियुक्त किये गये हों या संविधान के अनुच्छेद 309 के अन्तर्गत विहित भर्ती नियमों के तहत नियुक्त हो, उपर्युक्त श्रेणी में नहीं आने वाले अस्थायी राज्य कर्मचारी को उच्च अध्ययन हेतु नियमों में शिथिलता देकर दो वर्ष का असाधारण अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है।

20 वर्ष या अधिक की सेवा पूर्ण करने वाले कर्मचारियों को अध्ययन अवकाश साधारणतः स्वीकार नहीं किए जाने चाहिए।

अध्ययन अवकाश (Study Leave rules for Rajasthan Government Employees) केवल इस आधार पर स्वीकृत किया जाएगा कि किया जा रहा अध्ययन / पाठ्यक्रम अनुसंधान / प्रशिक्षण सम्बन्धित कार्मिक के नियोजित कार्य काल के विभागीय कार्य के हित में हो तथा इससे राज्य कार्य में बाधा तथा Cadre प्रबन्धन सम्बन्धित अड़चन उत्पन्न न हो। अध्ययन अवकाश की उपर्युक्त अधिकतम अवधि एक बार में 12 माह तथा पूर्ण सेवा काल के लिए 2 वर्ष हो सकती है जिसका उपभोग एक अवसर या एक से अधिक अवसरों पर किया जा सकता है व अध्ययन की अवधि अधिक होने पर अन्य प्रकार के अवकाशों के साथ या अन्यथा कारणों से भी अन्य प्रकार के अवकाशों के साथ उपभोग किया जा सकता है। ऐसे उपभोग हेतु नियमित कर्तव्यों से अनुपस्थिति 28 माह से अधिक की स्वीकृत नहीं की जाएगी परन्तु असाधारण अवकाश समायोजन में यह सीमा लागू नही होगी। इंजीनियर का डिप्लोमा धारक व्यक्ति डिग्री प्राप्त करने हेतु 24 माह की अवधि का अध्ययन अवकाश और 1 वर्ष अतिरिक्त का अन्य अवकाश जो उसे देय और अनुज्ञ हो स्वीकृत किया जा सकता है अथवा अन्य अवकाश न होने पर 1 वर्ष तक का असाधारण अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है तथा अस्थायी इंजीनियरिग कार्मिक जिसने निरन्तर 3 वर्ष की सेवा पूर्ण कर ली हो, को डिग्री प्राप्त करने हेतु 3 वर्ष तक का असाधारण अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है। स्वास्थ्य सेवा अंतर्गत चिकित्सकों को P. G. डिग्री हेतु 3 वर्ष का अध्ययन अवकाश देय हैं।

अध्ययन अवकाश (Study Leave rules for Rajasthan Government Employees)अर्द्धवेतन पर अतिरिक्त अवकाश होता है तथा इसका लेखा सामान्य अर्द्धवेतन अवकाशों से पृथक एवं गणना भी पृथक की जाती है।

अध्ययन अवकाशों के लिए  आवेदन स्वीकृत कर्ता प्राधिकारी को प्रस्तुत किए जाएंगे तथा अध्ययन / पाठ्यक्रम / परीक्षा / अनुसंधान का स्पष्ट विवरण दिया जाएगा। अध्ययन अवकाश की पूर्ति पर पाठ्यक्रम पूर्ण करने का प्रमाण पत्र / उत्तीर्ण परीक्षा / विशेष अध्ययन का प्रमाण पत्र संलग्न किया जाएगा।

चूंकि अध्ययन अवकाश पर अर्द्धवेतन देय है। अतः पदोन्नति अथवा पेंशन के लिए सेवा अवधि समझा जायेगा । अध्ययन अवकाश का इंद्राज सेवा पुस्तिका में आवश्यक रूप से करना होगा।

अध्ययन अवकाश मे कार्मिक को नियम 31(ख) (2) के अनुसार वार्षिक वेतन वृद्धि देय है। वेतन वृद्धि का  वास्तविक लाभ  कार्यग्रहण तिथि से देय होगा। बढ़े हुए महंगाई भत्ते का लाभ देय है पंरतु मकान किराया भत्ता(HRA )नियम,1989 के नियम 6 अनुसार देय नहीं होगा। 

अध्ययन अवकाश नियम 112(2) अनुसार  अर्द्ध वेतन पर अतिरिक्त अवकाश होता है तथा ऐसे अवकाश काल में कर्मचारी को भुगतान नियम 97(2) अनुसार देय होगा जो 59000 से अधिक नहीं होगा ।