चलो गीत गाओ-भवानी प्रसाद मिश्र

चलो गीत गाओ
चलो गीत गाओ
कि गा गा के दुनिया को
सर पर उठाओ

चलो गीत गाओ
सवेरा हुआ है
कि दुनिया में अपना भी डेरा हुआ है
सुरा बेसुरा कुछ ना सोचेंगे आओ
कि जैसा भी सुर पास में है उठाओ
चलो गीत गाओ हैं

अगर गा न पाये तो हल्ला करेंगे
इस हल्ले में मौत आ गयी तो मरेंगे
कई बार मरने से जीना बुरा है
कि गुस्से को हर बार पीना बुरा है
बुरी जिन्दगी को न अपनी बचाओ
कि इज्जत के पैरों पे इसको चढ़ाओ
चलो गीत गाओ

अभागों की टोली का सुर जब चढ़ेगा
तो दुनिया का मालिक नया कुछ गढेगा
भले वह न चेते हमें चेत होगा
हमारा नया घर नया खेत होगा
छिनाये गये को चलो छीन लाओ
कि गा गा के दुनिया को सर पर उठाओ
चलो गीत गाओ